Nipah virus: केरल में 14 साल के बच्चे की ली जान, बिना लक्षण दिखाए भी कर सकता है संक्रमित, जाने बचाव के उपाय
केरल में Nipah virus के चलते एक 14 वर्षीय लड़के की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई है। बच्चे को वेंटीलेटर पर रखा गया था। बच्चा मलप्पुरम का निवासी था, जिसमें Nipah virus की पुष्टि शनिवार को ही की गई थी।
क्या चीज है Nipah Virus?
Nipah Virus का संक्रमण एक जूनोटिक बीमारी है जो सुअर और चमगादड़ जैसे जानवरों से आई है। सिर्फ जानवरों से मनुष्यों में ही नहीं, बल्कि यह बीमारी एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भी फैल सकती है। इस वायरस से मृत्यु दर 45 से 75 फीसदी तक बताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बीमारी कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है।
संक्रमण के कारण
यह बीमारी जानवरों और संक्रमित व्यक्ति दोनों से फैलती है। जैसे चमगादड़ द्वारा झूठा फल खाने से भी यह वायरस फैलता है। संकर्मित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है।
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बचाव
Nipah virus से बचने के लिए डॉक्टर्स द्वारा कुछ guidelines भी दी गई हैं।
• पशु पक्षियों के झूठे फल खाने से बचें
• संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं
• साफ सफाई का ध्यान रखें, हाथों को नियमित रूप से धोएं
• प्रभावित इलाकों में जाने से बचें
लक्षण
Nipah virus से संक्रमित होने के लक्षणों में शामिल हैं तेज बुखार, उल्टी आदि। इतना ही नहीं श्वास संक्रमण जैसे लक्षण भी बताए गए हैं। इसके साथ ही स्थिति बिगड़ने पर दौरे पड़ना, दिमाग की सूजन के कारण कोमा हो जाना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। डॉक्टर्स द्वारा सुझाव दिया गया है की यदि 2 या 3 दिन तक दवाई लेने पर भी यह लक्षण नहीं जा रहे हैं, तो तुरंत ही अपना चेकअप कराएं। इतना ही नहीं संक्रमित लोगों में एसिम्टोमैटिक, यानी कोई लक्षण न होना तक की स्तिथि भी हो सकती है।
इलाज
Nipah virus के लिए अभी कोई टीका नहीं आया है। इसलिए अपने बचाव के भरपूर प्रयास करें। हालांकि nipah virus के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रभावी माना जा रहा है। आपको बता दें की पिछले साल भारत में ने ऑस्ट्रेलिया यह एंटीबॉडी भी मंगाई थी। जिसको अब केरल को दिया जायेगा। वैसे nipah virus के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।