Mpox : Mpox को Monkeypox के नाम से भी जाना जाता है। यह एक खतरनाक वायरस है, जिसका पहला मामला 1958 में आया था। यह वायरस सबसे पहले बंदर में पाया गया था, यहीं ये इसका नाम Monkeypox रख दिया गया।
Mpox ने भारत में दी दस्तक
इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित देश अफ्रीका है, इसके बाद यूरोप और अमेरिका में भी यह वायरस पहुंच चुका है। लेकिन इन सबके बाद भारत में भी Mpox की एंट्री हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, एक भारतीय शख्स में भी Mpox के लक्षण दिखाई दिए हैं, जो की प्रभावित देश से यात्रा कर के लौटा था। लक्षण दिखने के बाद से ही उसको आइसोलेट कर दिया गया है और टेस्ट के लिए भेज दिया गया है।
आइसोलेटेड शख्स के सैंपल के जांच राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा की जा रही है।
Mpox के लक्षण
Mpox के शुरुआती लक्षण काफी सामान्य प्रतीत पड़ते हैं। इसके लक्षण संक्रमण के 5 से 21 दिनों के अंदर ही दिखाई दे जाते हैं। एमपॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, पीठ दर्द, थकावट आदि शामिल हैं। इन सबके अलावा भी दाने निकलना, लिंफ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। कई मरीजों को आंखों में सूजन और सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।
कैसे होता है संक्रमण?
Mpox का संक्रमण मुख्यत संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से ही होता है। संक्रमित व्यक्ति के घाव या संक्रमित समान के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल जाता है।
कैसे करें बचाव
आम तौर पर सामान्य देखभाल से भी यह बीमारी ठीक हो जाती है, लेकिन बचाव अधिक जरूरी है। इसके बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति या जानवर से दूरी बनाएं। अपने हाथो को समय समय पर साबुन से धोएं और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। अपने चेहरे को बार बार छूने से बचें। पब्लिक प्लेस पर मास्क पहने।
Mpox के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज शुरू कराए