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Captain Anshuman Singh’s wife called him a hero, got emotional while receiving Kirti chakra

Captain Anshuman Singh’s wife received Kirti Chakra!

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  द्वारा 5 जुलाई शुक्रवार को शहीद Captain Anshuman Singh की पत्नी समृति सिंह को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
राष्ट्रपति भवन में यह रक्षा अलंकरण समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें Captain Anshuman Singh की विधवा पत्नी समृति सिंह और उनकी मां मंजू सिंह दोनो पहुंचे थे। इस कार्यकर्म के दौरान 26 सदस्य बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस कर्मी और केंद्र शासित पुलिस कर्मियों को भी शौर्य चक्र से नवाजा गया है।
आपको बता दें की Captain Anshuman Singh को मरणोपरांत इस चाकर से नवाजा गया है। जब समृती सिंह कीर्ति चक्र को लेने के लिए मंच तक जाती हैं, वे भावुक हो जाती हैं और अपनी कहानी भी साझा करती हैं। इसके दौरान द्रौपदी मुर्मू भी समृति सिंह की हिम्मत बांधती हैं।

स्मृति सिंह हुई भावुक

स्मृति सिंह अपनी कहानी भी साझा करती हैं। वे अपनी और Captain Anshuman Singh की कहानी बताते हुए कहती हैं कि “हमारी मुलाकात कॉलेज के पहले दिन ही हुई थी और हमें पहली नजर में ही प्यार हो गया था। एक महीने बाद ही अंशुमन का सलेक्शन आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के लिए हो गई था। हमारी मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी और वह मेडिकल कालेज के लिए सेलेक्ट हो गए थे। हमारा 8 साल का लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप रहा।” वे अंशुमन के बारे में बताते हुए कहते है कि वे एक बहुत ही बुद्धिमान शक्श थे। उन्होने कहा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए और हमने वही किया।

लेकिन शादी के दो महीने बाद ही उनकी पोस्टिंग सियाचिन हो गई थी। उनके शहीद होने से एक दिन पहले ही 18 जुलाई, 2023 को हमारी बीच फोन पर काफी बात हुई , जिसमे हमने आने वाले 50 साल के बारे में चर्चा की, हमने हमारे घर और बच्चों के बारे में बातचीत की।
ये सब बताते वक्त समृति के चेहरे पर दुख और पीड़ा साफ दिखाई दे रहा था।
आगे समृति बताते हुए कहती हैं कि “19 जुलाई की सुबह ही फोन आ जाता है की अंशुमन नहीं रहे। शुरुआत के 7 से 8 घण्टे तो हम यकीन भी नहीं हुआ, हमे लग ही नहीं रहा था की यह सच है। मैं ख़ुद को समझाने की कोशिश कर रही थी की ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन आज मेरे हाथ में यह कीर्ति चक्र है, इसका मतलब यह सच है। हम खुद को मैनेज कर लेंगे, उन्होंने भी बहुत मैनेज किया। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई है, ताकि वे तीन लोगों के परिवार को बचा सके।” कीर्ति सिंह अंशुमन को एक हीरो कहती हैं।

कैसे हुए कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद?

आपको बता दें की Captain Anshuman Singh पंजाब रेजिमेंट की 26 वी बटालियन के सेना मेडिकल कोर में नियुक्त थे। उनको सियाचिन में मेडिकल ऑफिसर के पद पर रखा गया था। सियाचिन में 19 जुलाई, 2023 को आग लगने के वजह से वहां फसे लोगों को बचाने के लिए अंशुमन मदद करते हैं। और आज मेडिकल इन्वेस्टिगेशन सेंटर तक पहुंच जाती है। अंशुमन अपनी जान की फिकर किए बिना लोगो को बचाने के लिए उसमें कूद जाते हैं। और उनको वीरगति हासिल होती है।
आपको बता दें की योगी आदित्यनाथ द्वारा शहीद की परिवार वालों को 50 लाख रुपए देने की भी घोषणा की गई है। इतना ही नहीं शहीद की परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी भी दी जाएगी। इसके साथ ही जिले में एक सड़क का नामकरण भी शहीद अंशुमन के नाम पर किया जाएगा।
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