अनुपमा भारत में सबसे ज्यादा देखने वाले टीवी सीरियल्स में से एक है । इसको प्रोड्यूस करते हैं राजन शाही और इसमें काम करने वाले लोगो का नाम है रूपाली गांगुली, गौरव खन्ना, औररा भटनागर और सुधांशु पांडे ।
अनुपमा सीरियल की कहानी झूले की तरह कभी ऊपर तो कभी नीचे होने की वजह से लोगों से हमें मिलावटी रिएक्शन देखने को मिलते हैं । आज की कहानी में हमें देखने को मिलेगा अनुज और अनु साथ होने की वजह से पाखी नाखुश दिखती है , बा और बापूजी घर छोड़कर चले जाते हैं और जिसका कसूरवार तोशु और पाखी को ठहराया जाता है । उसके बाद वनराज की बहुत सारे मिन्नतों के बाद भी बापूजी और बा घर आने के लिए राजी नहीं होते वह बोलते हैं वह अपने घर को दो हिस्सों में अलग होता नहीं देख सकते और बापूजी यह भी बोलते हैं कि वह घर के कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी हैं ताकि वनराज अपना सपना पूरा कर सके “अपने घर की जगह एक टावर बनाने का” । अनुज और वनराज की बहुत सारी याचना करने के बाद भी बा और बापूजी टस से मस नहीं होते और वही रहने की जिद पर अड़े रहते हैं और उसके बाद वनराज, अनु और अनुज को घर पर खाली हाथ लौटना पड़ता है । वनराज घर आने के बाद सबको बताते हैं कि क्या हुआ और उसके बाद काव्या, डिंपी और तोशु बा और बाबूजी के घर आने का उपाय ढूंढते हैं । वनराज ने बताया की बा उसने और बापूजी को घर लाने की पूरी कोशिश करी । तोशू वनराज से कहते हैं कि वह बापू जी को घर जरूर लाएंगे हस्ताक्षर के साथ । उसके बाद पाखी भी बोलती हैं अनुपमा को हस्ताक्षर कर देने चाहिए पर अनुपमा मना कर देती है । उसके बाद वनराज और ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और फिर अनुज बीच में आ जाते हैं कि चीजों पर खुशी से बात की जाए । उसके बाद वनराज अनुपमा से फिर से पूछते हैं कि हस्ताक्षर के लिए, उसके बाद अनुपमा मना कर देती और कहती है कि जब तक बा और बापूजी जिंदा है वह उस घर को नहीं बिकने नहीं देगी । वह चाहती है उनके जीवन के आखिरी दिन खुशी-खुशी इसी घर में बीते । उसके बाद अनु, वनराज और अनुज में बहस शुरू हो जाती है और काव्या बोलती है कि वह अनुपमा के साथ है । उसके बाद पाखी और तोशु बोलते हैं काव्या ने अनुपमा की तरफ होकर बिल्कुल अच्छा नहीं किया ।
रिपोर्ट्स की माने तो आगे दिखाया जाता है कि आध्या को आत्महत्या करने से बचाने के कारण अनु चोटिल हो जाती है पर सबको यही लगता है कि अनु मर चुकी है और उसके बाद अनुज सदमे में में चले जाते हैं क्योंकि वह अनु की मृत्यु का दुख सहन नहीं कर पाए । उसके बाद अनुज को पुनर्वास केंद्र में भेज दिया जाता है स्वास्थ्य लाभ के लिए ।
लग रहा है अनुपमा देखने वालों के लिए यह ड्रामा किसी झूले से कम नहीं जो कभी ऊपर तो कभी नीचे आता है । शो के नए प्रोमो की माने तो अनु अपनी नई जिंदगी शुरू कर देती हैं और अब वह एक वृद्धाश्रम चलाती है ।