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राहुल गांधी ढाई दशक के लंबे अर्से के बाद संभालेंगे कोई पद, बनेंगे प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार ?

राहुल गांधी ने 2004 में राजनीति में अपना पहला कदम रखा था और यूपी के अमेठी से पहली जीत हासिल की थी ।

हाल ही में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह पर इंडिया नेताओं की बैठक में फैसला लिया गया कि लोकसभा में राहुल संभालेंगे नेता विपक्ष का पद, इससे पहले यह पद 2014 से 2024 तक खाली था क्योंकि नियम के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष किसी भी विपक्षी पार्टी के पास लोकसभा की कुल संख्या का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है और 2014 और 2019 में किसी भी विपक्षी पार्टी के पास 54 सांसद नहीं बने थे, इससे पहले की बात कर तो दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने 2009 से 2014 तक यह पद संभाला ।

राहुल गांधी की बात करें तो राहुल गांधी, गांधी परिवार से तीसरे व्यक्ति होंगे जो इस पद के दावेदार बनेंगे, इससे पहले सोनिया गांधी 13 अक्टूबर 1999 से 6 फरवरी 2004 और राजीव गांधी 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक इस पद के दावेदार रह चुके हैं ।

इस बार की बात करे तो कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़कर 99 सीटे जीती । राहुल विपक्ष का नेता होने के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री का पद भी संभाल सकते हैं । राहुल गांधी की प्रोटोकॉल लिस्ट में स्थिति तो ऊपर जाएगी ही और साथ ही में प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार भी हो सकते हैं ।

पिछले हफ्ते राहुल गांधी 54 साल के हो गए हैं जो कि नेहरू गांधी परिवार के वंशज और पांच बार के सांसद हैं और वर्तमान में लोकसभा में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, इससे पहले यह सीट उनकी मां सोनिया गांधी के पास थी । पर इस बार राहुल गांधी दो निर्वाचन क्षेत्र जो कि केरल के वायानाड और यूपी के रायबरेली से जीते हैं , पर वायनाड से राहुल गांधी इस्तीफा देंगे जहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगे ।

पद पर आने के बाद क्या शक्तियां मिल सकती है राहुल गांधी को

सबसे बड़ी शक्ति तो ये होगी की पहली बार राहुल ऐसे टेबल पर बैठेंगे जहां प्रधानमंत्री मोदी बैठेंगे और फैसलों में मोदी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनकी सहमति लेनी होगी । राहुल गांधी उस कमहेटी का हिस्सा होंगे जो सीबीआई के डायरेक्टर, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्य और भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करती है ।

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